धागे
तोड़
लाओ
, चांदनी से नूर के ! घूंघट ही
बनालो , रोशिनी
से नूर
के
! >>
धागे तोड़
लाओ , चांदनी
से नूर
के
! घूंघट ही
बनालो , रोशिनी से
नूर के !
शर्मा गई तो
, आगोश में
लो
, हम सांसों से उलझी
, रही मेरी
सांसें
................
बोल न
हलके हलके
, बोल न
हलके हलके , होंट से
हलके हलके , बोल
न हलके
बोल न
हलके हलके
,बोल न
हलके हलके , होंट
से हलके
हलके
, बोल
न हलके
....................
आ नींद
का , सौदा करें , एक ख्वाब
दें , एक ख्वाब लें
एक ख्वाब
तो , आँखों में
है , एक चाँद के
तकिये तले !
कितने दिनों
से , यह आस्मां
भी
, सोया नहीं है , इसको
सुला दें ! !
बोल न
हलके हलके
, बोल न
हलके हलके
होंट से हलके हलके
बोल न
हलके , बोल न
हलके हलके
बोल न
हलके हलके
, होंट से हलके हलके
बोल न
हलके
...................................
उम्रें लगी ,
कहते हुए , दो लफ्ज
थे , एक
बात थी
वोह एक
दिन
, सौ साल
का , सौ साल की
, वोह रात
थी
कैसा लगे जो , चुपचाप दोनों
, पल पल
में पूरी ,
सदियाँ बितादें
!
बोल न
हलके हलके
, बोल न
हलके हलके
होंट से हलके हलके
..............................
धागे तोड़
लाओ चांदनी
से नूर
के , घूंघट ही बनालो
रोशिनी से
नूर के
शर्मा गई
तो , आगोश में
लो , हो सांसों से उलझी , रही मेरी सासें
बोल न
हलके हलके
, बोल न
हलके हलके
होंट से
हलके हलके
, बोल न
हलके
बोल न हलके हलके ,बोल न हलके हलके , होंट
से हलके हलके , बोल न हलके
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